चप्पल से शुरू हुआ इश्क़: जब ट्रेन में छूटी चप्पल ने दो दिलों को मिला दिया | सच्ची प्रेम कहानी

राजेश पालशेतकर
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✨ परिचय:

कहा जाता है कि इश्क़ किसी भी मोड़ पर मिल सकता है — फिर चाहे वो रेलवे स्टेशन हो या दिल की कोई खाली बोगी। आज की ये सच्ची प्रेम कहानी है एक ऐसी लड़की और लड़के की, जिनकी ज़िंदगी की ट्रेनें अलग-अलग ट्रैक्स पर चल रही थीं, लेकिन एक छूटी हुई चप्पल ने उन्हें एक ही डिब्बे में ला खड़ा किया।


🚉 कहानी की शुरुआत:

साल 2019, मुंबई लोकल ट्रेन की एक भागदौड़ भरी सुबह। भीड़ में धक्का-मुक्की करते हुए नेहा (बदला हुआ नाम), अपनी ट्रेन पकड़ने दौड़ी। जल्दी-जल्दी में उसकी एक चप्पल ट्रेन के अंदर गिर गई और ट्रेन चल पड़ी। नेहा खुद ट्रेन में नहीं चढ़ पाई, लेकिन उसकी चप्पल वहाँ रह गई।

उसी डिब्बे में मौजूद था राहुल, जो IT सेक्टर में काम करता था। उसने वो चप्पल उठाई और मज़ाक में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली —
"जिसकी ये चप्पल है, उसका दिल भी यहीं कहीं छूटा होगा।"


📲 वायरल हुई पोस्ट:

राहुल की ये पोस्ट कुछ ही घंटों में वायरल हो गई। कई लोग हँसे, कई ने शेयर किया, और कुछ ने नेहा को भी टैग किया क्योंकि उन्होंने उसे चप्पल गिराते देखा था।

नेहा ने पोस्ट देखी, कॉमेंट किया –
"दिल नहीं, बस चप्पल छूटी है। लेकिन थैंक यू इसे संभालने के लिए। 😅"


☕ पहली मुलाकात:

यही कॉमेंट एक चैट में बदली, चैट एक कॉफ़ी मीट में, और फिर मीटिंग्स डेट्स में। दोनों ने जाना कि वो कितने अलग होकर भी एक जैसे हैं – एक ज़रा हड़बड़ी में जीने वाली लड़की और एक शांत, समझदार लड़का।

नेहा मज़ाक में कहती थी –
"प्यार हुआ नहीं, फिसल कर आया — चप्पल की तरह!"


💍 रिश्ते का मुक़ाम:

दोनों ने दो साल रिलेशनशिप में बिताए और फिर 2022 में शादी कर ली। और सबसे प्यारी बात ये – उनकी शादी में वो चप्पल भी एक खास फ्रेम में रखी गई, जिस पर लिखा था –
"जहाँ प्यार की पहली पहचान छूटी थी!"


📝 निष्कर्ष:

ये कहानी बताती है कि प्यार किसी प्लानिंग से नहीं होता, वो बस हो जाता है – एक छोटी सी घटना, एक मुस्कान, या एक छूटी हुई चप्पल भी ज़िंदगी बदल सकती है।

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